स्मृति ईरानी का राहुल पर हमला, बोलीं - हाथरस जाना राजनैतिक रणनीति, इंसाफ के लिए नहीं
By: Pinki Sat, 03 Oct 2020 1:58:51
हाथरस मामले में कांग्रेस सड़क पर दंगल तो कर ही रही है, अब पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि यूपी सरकार ने हाथरस की पीड़िता के परिवार को असंवैधानिक तरीके से कैद कर रखा है और उन्हें वकील और डॉक्टरों से भी मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर योगी सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना चुकी है।
वहीं, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के हाथरस जाने पर पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि लोग कांग्रेस की रणनीति के बारे में जानते हैं, इसलिए उन्होंने 2019 में भाजपा के लिए ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की।
स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के हाथरस जाने को एक राजनैतिक रणनीति बताई। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि राहुल गांधी का हाथरस जाना उनकी राजनीति का ही एक हिस्सा है और इससे पीड़िता को न्याय दिलाने का कोई संबंध नहीं है।
जनता ये समझती है कि उनकी(राहुल गांधी) हाथरस की तरफ कूच राजनीति के लिए है, इंसाफ के लिए नहीं: राहुल गांधी के आज हाथरस जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी #HathrasCase pic.twitter.com/gnyAMPjT9R
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2020
राहुल गांधी के हाथरस जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जनता ये समझती है कि राहुल गांधी की हाथरस की तरफ कूच राजनीति के लिए है, इंसाफ के लिए नहीं। बता दें कि सुबह राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ यूपी सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा राहुल गांधी ने एक और ट्वीट किया है और लिखा कि दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।
सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस
बता दे, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील विवेक तन्खा का कहना है कि अगर हाथरस पीड़िता के परिवार पर लगी पाबंदी आज नहीं उठाई गई तो वह कल तक सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर अपनी पार्टी के वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रही है। विवेक तन्खा ने आजतक को बताया कि इस बाबत एक याचिका भी तैयार की जा रही है। इस संदर्भ में उन्होंने कपिल सिब्बल से चर्चा की है। विवेक तन्खा ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को इस तरह से कैद करना ताकि वह अपने परिवार मीडिया वकीलों से ना मिल सके, संविधान का उल्लंघन है।
उन्होंने इस मामले पर ट्वीट किया, 'हाथरस पीड़िता के परिवार को कैद करने के मुद्दे पर कपिल सिब्बल से बात की है। योगी सरकार पीड़ित परिवार को किसी से नहीं मिलने दे रही है। इसमें वकील, डॉक्टर, मीडिया और उनके शुभचिंतक शामिल हैं। ये उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।'
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